Concentration defect
ध्यानाकर्षण दोष
इसकी शिकायत कमो-बेस सभी व्यक्ति मे होता है। लेकिन एक निश्चत उदेश्य के प्राप्ति के लिए जब इसका उपयोग किया जाता है, तब इसके समझ की उपयोगिता बढ़ जाती है। हम इसके विभिन्न पहलुओ पर विचार करते है, तथा पता लगाते है, कि सबसे उपयुक्त तरीका क्या है, जो ध्यानाकर्षण के शक्ति को बढ़ा सके। इसके बढ़ जाने से व्यक्ति समय से सफलता प्राप्त कर सकता है। याद करना, याद रखना, याद को सही समय एवं सही जगह पर उपयोग करना इत्यादि, इसके महत्वपुर्ण पहलू है। कुछ लोग जन्म से इस गुण के धनी होते है, तो कुछ लोग इसे सिखते है, तथा कुछ लोग इसे प्राप्त करने की कोशिश मे लगे रहते है। कुछ लोग अभ्यास को बहुत बड़ा कारक मारते है, तथा इसको दुर करने मे लगे रहते है। कई लोगो को समझते – समझते उम्र गुजर जाती है। हम इसके गुण-दोष तथा निवारण के उपाय पर विचार करेगें।
कारक
-
- बाहरी कारक़
- कार्य का दवाव
- तनाव
- चिंता
- व्यस्तता
- माहौल
- आंतरीक कारक
- लम्वी बिमारी
- कमजोरी
- मानसिक आघात
- बाहरी कारक़
उपचार
-
- कसरत
- दबाई
- जानकारी
- कारण निवारण
कारक
कार्य का दवाव
कार्य का दवाव का दवाव यदी हमारे कार्य झमता को प्रभावित नहीं करता है तो यह हमारी ध्यानाकर्षण के झमता को बढ़ा सकता है । हमारे सोचने समझने के शक्ति मे दवाव पड़ता है। अन्य वाहरी वातों का प्रभव काफी कम हो जाता है।
तनाव
तनाव का होना का मतलब होता है हमारी समस्या का समुचित समाधान नहीं निकल पाना या हमारी चाहत के अनुरूप कार्य का नहीं होना। सामान्य तनाव हमारी कार्य उर्जा को बढ़ा देता है जिससे हमारा ध्यानाकर्षण भी बढ़ जाता है।
चिंता
यह हमारी कार्य झमता को बहुत प्रभावित करता है। एक ही प्रकार का समाधान चाहने तथा सही समाधान नही मिलने कारण चिंता होती है। हमारा पुरा ध्यान कार्य के सही समाधान पर लाग रहता है जिसके कारण हम अपनी दिमाग को अलग नही लगा सकते है। अतः इससे हमारी ध्यानाकर्षण भी प्रभावित होता है।
व्यस्तता
कई कार्य का एक साथ होना इसका बड़ा कारण है जिसके कारण हम समय का सही प्रबन्धन नही कर पाते है। फलतः हमारी ध्यानाकर्षण भी प्रभावित होता है। ध्यानाकर्षण की झमता बहुत कम हो जाती है।
माहौल
यह बहुत बड़ा कारक है जो हमारे ध्यानाकर्षण की झमता को बढ़ा और घटा सकता है। यदी माहौल सही है यानी हमारे कार्य सम्पादन के अनुरूप है तो हमारी ध्यान लगाने की झमता बढ़ जाती है। यदी माहैल सही नही है तो हमारी यह झमता घट जाती है।
लम्बी बिमारी
लम्बी बिमारी के कारण शरीर कमजोर हो जाता है तथा कई प्रकार के अन्य जटिलता भी आ जाती है जिससे ध्याकर्षण पर बुरा प्रभाव परता है। बिमारी का पता लगाकर समुचित ईलाज करके ध्यानाकर्षण को फिर से प्राप्त किया जा सकता है।
कमजोरी
यह किसी बिमारी के कारण होता है तथा ध्यान के बनने की क्रिया मे बाधा उत्पन्न करता है। संतुलित आहार के बाबजुद यदी स्वास्थ्य नही बन पा रहा है तो बिमारी का पता लागाकर इसका ईलाज करने से समस्या का समाधान निकस आयेगा।
मानसिक आघात
इसका प्रभाव बहुत गहरा होता है, समय के साथ शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव परता है। शरीर मे कई प्रकार की बिमारी भी आने लगती है। कार्य पर से ध्यन हट जाता है
उपचार
कसरत
यह एक उपयोगी उपाय है। सही समय पर सही प्रकृया अपनाकर हम अपनी ध्यानाकर्षण को बढ़ा सकते है। कौन सा कसतर हमारे लिए महत्वपुपर्ण है। इसकी जानकारी पाकर हम अपनी ध्यान ही झमता बढ़ा सकते है।
Concentration is base of completion of works. Without concentration do not assemble works. We do not think on particular topic for long time. In a particular condition of disease concentration of thinking is fully depend on problem based part for easy solution. So concentration is depend on desire of person that want to achieve in this direction. Desire is depend on many things. This is inward thinking concentration. Outward concentration is depend upon our sensitivity of that object. Sensitivity about object is also depend on our desire. Again we comes on target of desire. Desire making is basically related to information taking and its explanation for orientation. Here you should be expert of organisation making. This is mental exercise. if you are able to work hard on mental exercise your concentration should be better. you must work on that direction for making directed thinking that gives way of information taking and organisation making. Active persons has fast concentration comparison to lazy persons. For making active persons you maintain your routine works with strengthen your updated information. Balanced life functional persons have deep concentration. Emotionally sensitive persons about particular subject has deep concentration on that subject.This is specific concentration. This type of persons easily maintain his all information and utility. You can increase your sensitivity that you want to find.
concentration of a person is taking of stimulus from limited area in short duration that stored in its mind.Concentration defect is disturbance of receiving stimulus either in broad in long duration or limited area in short duration. If taking data is not temporary stored in target person, that causes defect.This defect is either psychological or physical.Treatment of this defect is possible. A special guideline is applied for maintain concentration if you do not have natural concentration.Treatment maintains persons specific concentration. You can increases your concentration by making some tips. Tips are applicable in those persons which has not longer defect. I have cure many patients that increases his concentration.Forced for making concentration is hard mental exercise that tease our mind that is breaking of inertia of our mind.After this affection clearance your way is easy for making concentration. This practiced based works. Practice makes our works easy.
In child case proper maintain is necessary for directed his practice that makes his way for easy understanding and concentration formation.
the assembling of military or naval forces in a particular area in preparation for further operations.
a specified intensity and duration of artillery fire placed on a small area.
the focusing of a student’s academic program on advanced study in a specific subject or field.
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