चेहरे का दाग धब्बा

चेहरे का दाग धब्बा चेहरे के खराव कर देता है। युववस्था को शुरुआती दिनो मे खान – पान मे असंतुलन तथा हारमोनल अनियमितता के कारण चेहरे पर दाग धब्बा बनने लगता है जिससे चेहरे खराब दिखने लगता है। यह प्रक्रिया बहुत धिरे-धिरे होती है। शुरुआती दौर मे लगता है कि यह खुद ही थीक हो जायेगा जिससे ध्यान नही दिया जाता है। फिर कुछ क्रिम लगाकर इसको छुपाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन इसके लगातार बढ़ने के कारण लोग दवा लेना शुरु करते है लेकिन दवा के दौराण कई तरह के दवा का प्रयोग करते है जो नाकाफी सावित होता है। इसके सही रुप से इलाज के लिए लगातार दवा खाने के साथ संयम बरतने की जरुरत होती है जिससे की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।

लाल धब्बे ः- गाल पर लाल-लाल धब्बे के रुप मे निकल आता है। ये शुरुआती दैर मे कुछ परेशानी नही करता है पर कभी-कभी दर्द भी करता है। किसी -किसी मे इसमे मबाद भर जाता है जिसके कारण इसका रंग भी बदल जता है। शुरुआत मे यह छोटे रंग का होता है जबकि समय के साथ यदि ईलाज नही हुआ तो यह बढ़ने भी लगता है। जिससे गाल खुरदुरा दिखने लगता है। खाने मे तली भुनी चिजें खाने से इसमे ज्यादा विकार उत्पन्न होता है। खासकरके यदी नमक को भुना जाता है तो इसमे खरावी ज्यादा आता है। आजकल बाजार मे बिकने वाला फास्ट फुड भी इसमे नुकसानदेह सावित होता है।

गडढ़ाः- चोहरे पर समय के साथ होने वाले छोटे-छोटे धब्बे जो मबाद से भरे हुए थे उससे मबाद के निकाल के क्रम मे इसमे और संक्रमण हो जाता है जिससे इसके जगह के कोशिका यहां से हट जाती है जिसके कारण यहां पर छोटे छोटे गडढ़े बन जाते है। इस गडढ़े मे स्कार उत्तक का निर्माण हो जाता है जिसका भरना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इसको नही दवाना चाहिए। इसका समय के साथ सही इलाज होने पर यह पुरी तरह से ठीक हो जाता है। बाजार मे बिकने वाला सामान्य क्रिम उपयोगी सावित नही होता है। वल्कि कुछ क्रिम केमिकल वेस होने के कारण त्वचा के लिए नुकसानदेह सावित होता है।

काला – काला धब्बाः लगातार काले काले धब्बा के बनने के कारण  चेहरे का रंग पुरी तरह से खराव हो जाता है। त्वचा पर बनने वाला ये धब्बा समय से साथ गहरा और निखर जाने वाला हो जाता है जो चेहरे को पुरी तरह से अपने चपेट मे ले लेता है। चेहरे के बदलते इस रंग को सही करने के लिए शरीर के अदर की खरावी भी जिम्मेदार होती है। शरीर के अंदर के बिमारी को भी ठीक करना होता है। शरीर के अंदर की हल्की बिमारी शरीर को सही तरह से पोषण नही दे पाता है जिसके कारण त्वचा के इस रंग को और गहराने मे मदद मिलती है। कुछ बाहरी क्रिम या अन्य प्रकार के संक्रमण होने के कारण भी इस तरह केे बदलाव के लिए जिम्मेदार होता है।

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