प्रर्दशन मे क्यो जायें

प्रदर्शन क्यो करें
प्रदर्शन क्यो करें
प्रदर्शन क्यो करें
प्रदर्शन क्यो करें

राज्य मे किसी की भी सरकार हो वह समाज के प्रती जवावदेह होता है। समाज का वर्गीकरण बिभिन्न रुप मे होता रहा है, और हो भी रहा है। समय तथा जरुरत के हिसाव से बन्धन के टुटने तथा बनने की प्रक्रिया चलती रहती है। आज जब आयुष के प्रति लोगो का झुकाव बढ़ा है, और वह लगातार अपनी उपस्थिती भी दर्ज करवा रहा है, तो हमे आगे बढ़कर सामाज को ये बतलाना होगा की सरकार का रबैया हमारे अनुरुप नही है। हमारे बात को आगे बढाने के लिए प्रिंट मिडिया, एलेक्ट्रोनिक मिडिया का साथ मिलना तय है। चिकित्सा जगत के बिभिन्न प्राकर के चुनौती को सामना करने के लिये आयुष मुखर रुप से आगे आया है। लोगो का बिश्वास भी जितने की लगातार कोशीश कर रहा है। ऐसे मे हमलोगो को एक सुत्र मे बंधकर अपनी एकता का परिचय देना होगा। समय-समय पर दुसरे चिकित्सा के लोग भी आपनी बात को रखते रहे है। उसने पास इस बात को रखने के लिए एक व्यवस्था बना हुआ है।

आयुष मे समय के साथ अनेक संघ का निर्माण हुआ। यह संघ अपने स्तर से प्रयास भी कर रहे है। लेकिन समाज के निचले तबके तक के लोगो तक अपनी बात को रखने के लिए किसी ने अथक प्रयास नही किया। कारण अनेक है। लेकिन परिणाम एक है। आयुष आज हासिये पर आ गया है। आयुष से एक खास तरह के व्यपारी बर्ग के लोगो को खतरा है, इसलिये लगातार उनके द्वारा अभियान  चलाया जाता है, जिससे कि यह चिकित्सा पद्धति आगे नही बढ़े। उनेक इस मिथक को तोड़ना होगा। इसलिए हमे आगे आना होगा। शुरुआत जहां से भी हो हमें घर से निकलकर समाज के बिच आना चाहिए।

हमारे बर्तमान मुख्यमंत्री भी आयुष के साथ बचपन मे जुड़े हुए थे, हम सबने यह कहानी सुनी है। उन्होने आयुर्बेद के लिए कई सार्थक कदम भी उठाये है। लेकिन उनके शासन के बर्षो बित जाने के बावजुद आज आयुष का वो विकाश नही हुआ, जो उसका होना चाहिए था। इसका मुल कारण उनके राजनितिक इच्छा शक्ति का होना हो या न हो। हमारे द्वारा अपनी बात को अपनो तक पहुँचाना होगा, जिससे कि लोग व्यक्तिगत स्वर्थ से बाहर निकलकर समाज के बिकाशोन्मुख धारा मे शामिल हो सके।

आज आयुष चिकित्सक के पास गंभिर आर्थिक संकट है, इसका मुल कारण कई प्रकार के मिथक है, जो बिरोधी द्वारा समाज मे फैलाया गया है, और लगातार बिभिन्न स्त्रोतो से ये काम किया जा रहा है। हम सभी को आयुष को इस लिंक को तोड़ना होगा, जो समाज के जड़े को खोद रहा है। नुकसान हमारा हो रहा है। इतिहास गवाह है, जो स्वयं से नही लड़ा वह मैदान मे खड़ा नही हुआ। आज का लड़ाई हमारे निहित स्वार्थ तथा एक मिशन के गवाह बनने का है। हमे इस कार्य मे अपना योगदान देना चाहिए। ऐसा करके जो एक सात्विक आन्नद प्राप्त होता है, वह अद्वीतीय है। हमारा यह कार्य हमे अपने के बिच बिश्वास को तो बढ़ाता ही है, साथ ही हमारा मनोबल भी ऊँचा रहता है।

नोटः- यदि यह लेख आपको अच्छा लगे तो इस लिंक को अपनो तक जरुर पहुँचाये, जिससे की उसके बिचार निर्माण मे मदद मिल सके। इस कार्य के लिए आपको धन्यवाद प्राप्त हो।

लेखक एवं प्रेषकः- डॉ अमर नाथ साहु

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Medicine

September 13, 2021