जोड़ो का दर्द
जोड़ो का दर्द

जोड़ो का दर्द

जोड़ो के दर्द मे सामान्य रुप से आने वाला दर्द होता है, घुटना का दर्द। लम्बे समय तक बना रहने वाला यह दर्द होता है। समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन के कारण यह दर्द प्रायः होता है। बृद्धा अवस्था के शुरुआत के साथ घुुटना का हड्डी घिसने लगता है, तथा घुटने के बिच रहने वाला तरल पदार्थ साईनोभियल फ्लुईड भी सुख जाता है या कम हो जाता है। जिसके कारण दर्द की शिकायत बनी रहती है। प्रारम्भ मे दर्द कम रहने के कारण लोगो को सामान्य ईलाज से रहत मिल जाता है। लेकिन समय के साथ यह सब बेकार हो जाता है। लोगों को ईलाज से  थक कर बैठने यथा दर्द सहने के सिवाय कोई उपाय नही रह जाता है। समय के साथ यदि इसका होमियो पैथिक ईलाज किया जाय, तो पुर्ण सामाधान संभव है। लेकिन समय बित जाने के बाद दवा से आराम बना रहता है। अंग्रेजी दवा के कारण होने वाला कुप्रभाव से बचाव भी रहता है। होमियो पैथिक दवा का लम्वे समय तक उपयोग भी आसानी से किया जा सकता है।

दवा के शुरुआत के साथ समय से नियमित व्ययाम करना जरुरी है। कमजोर होने की स्थिती मे पोषण पर ध्यान देना आवश्यक है। लेकिन वजन अधिक होने के बाद शरीर का भार कम करने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे की घुटनो पर दवाव कम पड़े। होमियो पैथिक दवा को प्रयोग मे लाने से पहले व्यक्ति की सामान्य स्थिती का आकलन आवश्यक होता है जिससे की उसका समायोजन सही तरीके से किया जा सके। रोगी को क्लिनिक पर आकर सही तरह से निरिक्षण करने के बाद दवा दी जाती है जिससे की दवा का सदुपयोग हो सके।

होमियो पैथिक दवा से कई रोगी के असाध्य माने जाने वाले इस रोग से काफी लाभ हुआ है, तथा हो भी रहा है।  दर्द होने के आरम्भ से ईलाज कराने वाले कई ऐसे रोगी है, जो की उसका ईलाज के बाद वह स्वस्थ्य हो चुके है। रोग के प्रभाव तथा उसके व्यवस्था को देखने बाद ही यह बिचार किया जाता है, कि उसका सही सामाधान क्या है। सामान्य तरीके से होने वाला दर्द के साथ ऐसा नही होता है। वह दवा के देने के साथ ही ठीक भी हो जाता है। लोगो को एक बिचार रहता है, कि ठंढ़ लगने के कारण हो गया होगा इसके चलते भी ध्यान नही दिया जाता है। जिससे इलाज मे समस्या आती है। समान्य चोट लगने के कारण होने वाले दर्द को लोग सेक कर तथा कोई लोकल दवा लेकर शांत हो जाते है, लेकिन ततकाल रुप से ठीक होने वाला यही बिमारी समय के साथ बड़ा रुप बना लेता है। इसलिए भी इसका ईलाज कराना जरुरी है।

लेखक एवं प्रेषकः डॉ अमर नाथ साहु

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August 31, 2021