Treatment facility,
आदर्श होमियो क्लिनिक, सुविधा, Available facility,
Subidha
बिमार की सुविधा

सुविधा Facility in Clinic

  • बिमार की स्थिती का मुल्यांकन किया जाता है। यदि वह यहां के दवा से सुधार की संभावना के लायक रहता है तो उसके ईलाज के लिए रोगी को सलाह दिया जाता है और तय समय पर रोगी के रोग को निराकरण भी किया जाता है। अगर रगी की स्थिती को गहन चिकित्सिय देख रेख की जरुरत महसुस होती है तो रोगी को साथ आने वाले को आगे के ईलाज के लिए परामर्ष दिया जाता है। हमारा उद्श्य रोगी को रोग मुक्त करने के प्रती पुर्ण रुप मे समर्पित रहना है। इसलीए आप बेहिचक किसी भी प्रकार के बिमारी के लिए मिल सकते है। जहां तक होगा आपको पुरी सहायता की जायेगी।
  • दवा की जरुरत तथा समय प्रवंधन का ख्याल भी रखा जाता है यदि समय का अभाव है और दवा की जरुरत है तो दवा मँगवाने की व्यवस्था भी है। इसके कई माध्यम है आप अपने सुहिलियत के हिसाव से इसका चुनाव कर सकते है।  एक ही समय आप पुर्ण कोर्श की दवा लें या अपने सुविधा के हिसाव से दवा कई बार मे भी ले सकते है लेकिन दवा के नियंतरता से समझौता संभव नही होता है क्योंकी रोगी की रोगमुक्ती को प्राथमिकता दी जाती है।
  • रोगी को ईलाज पहले उसके किसी भी बिमारी का चला हो लेकर आना होता है जिससे की रोग के वारे मे जानकारी को गहराई से परताल मे सहायता मिलें। यूं तो रसायणिक परिक्षण तथा गहर निरक्षण के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाता है लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि इसका संबंध पुराना रोग से होता है तो उसके लिए रोगी को उचीत परामर्ष भी दिया जाता है ताकी भविष्य मे उनके किसी तरह के परेशानी का समाना नही करना परे।
  • बिमारी पर किये जा रहे हमारे शोध के कारण हम रोगी के रोग से संबंधित जानकारी को सुरक्षित रखते है। इसकी जानकारी रोगी के सिवा किसी को नही दी सकती है। इस जानकारी को बिना अनुमती किसी भी परिस्थिती मे किसी अन्य को नही दिया जाता है। इसलिए यहां आपके बिचार को सम्मान किया जाता है।
  • रोगी के स्वास्थ्य मे हो रहे सुधार का मुल्यांकन समय समय पर किया जाता है जिससे की सुधार की गती को नियमित किया जा सके। वैसे अनुभव के आधार पर आधिकांस बिमारी को ठीक होते देखा है जिससे की हमारे उत्साह मे काफी बृद्धी हुई है।  8/3/2020, 15/7/2022
  • यहाँ दवा क्लिनिकल परिक्षण एवं अनुभव के योग के आधार पर नवितम तकनिक का उपयोग करते हुए दिये जाते है, जिससे की बीमारी का पुर्ण निदान संभव होता है।
  • बीमार के बीमारी का मुल्यांकन उसके अपनी अनुभुति, बिगत तथा वर्तमान अवस्था के अध्ययन के साथ ही भौतिक एवं रसायिनिक सत्यापन के बाद ही किया जाता है
  • यहॉ नियमित जॉच की व्यवस्था है, जिससे असमायिक रुप से होने वाली बीमारी से बचाव होता है साथ ही स्वस्थ्य रहने का योग हमेशा बना रहता है।
  • यहॉ नये, पुराने एवं असाध्य रोगों का विश्वास के साथ सफल इलाज किया जाता है।
  • समय के साथ क्रमबद्द ईलाज से निराश रोगी को भी यहाँ से आशातीत सफलता मिली है।
  • मानव मे बीमारी की प्रारंभिक प्रकटिकरण उसके मश्तिष्क पर अनुभूति के रुप मे होता है, होमियोपैथी मे बास्तविक इलाज भी यहीं से शुरु होता है। समुचित ईलाज नही होने के कारण धिरे -2 यह शरीर के बाँकी हिस्से मे जाना शुरु कर देता है। समय के साथ बीमारी की जटिलता बढ़ती जाती है और यह असाध्य होकर एक गंभीर बीमारी के रुप मे सामने आ जाता है। समय से इलाज शुरू करे। मिलते रहे।
  • हमारे शरीर की सुरक्षा प्रणाली मजबुत रहना चाहिए जिससे की हम जीवन का भरपूर आनन्द उठा सके इसके लिए शरीर का वातावरण के साथ संतुलन का होना जरुरी होता है। इसको पाने के लिए हमे एक निरिक्षक की जरुरत होती है, जो समय -2 पर हमारा मुल्यांकण कर हमारा मार्गदर्शन करते हुए हमे समुचित समाधन भी सुझाये। यह व्यवस्था यहां दवा के साथ उपलब्ध है।
  • मानव के अलावा जैसे पालतु जानवर, पशु पक्षी इत्यादी मे होने वाली बीमारी मे भी दवा कारगर सावित हुआ है। यदी ऐसा कुछ है तो रोग निवारण हेतु जरुर सम्पर्क करे।
  • कुछ बीमारीयाँ जैसे –

मानसिक, स्वांशनली, बुखार, पेट, मुत्रनली, मलद्वार, त्वचा, नस एवं नाड़ी, स्त्री पुरुष के गुप्त रोग, जोड़ो के दर्द संबंधी रोग, संक्रमण, उच्च रक्त चाप, लकवा, सुगर तथा बौनापन आदी का पुर्ण  निदान संभव है।

1. कम्प्युटर के द्वारा भी दवा चुनी जाती है।
2. यहॉ नये, पुराने एवं असाध्य रोगों का सफल इलाज किया जाता है।
3. लाइलाज विमारी में भी यहॉ की दवा विशेष लाभदायक है।
4. यहॉ नियमित जॉच की व्यवस्था है,जिससे असामयिक रुप से होने वाली बीमारी से बचाव होता है।
5. विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसेः-

  • मानसिक रोग‌ – स्मरणहीनता, चिरचिरा होना, पागलापन, निंद न आना, तुतलाना, गहरी निराशा, गहरा डर, गहरा भय, गहरी ऊदसी, मीरगी।
  • स्वांशनली सम्वन्धी रोग – क्षय रोग, कफ, सीना मे दर्द, दम फुलना।
  • पेट सम्वन्धी रोग – पेट का दर्द, सुजन, गैस बनना, भुख न लगना, अपच।
  • मुत्रनली सम्वन्धी रोग – जलन, पेडु मे दर्द,, बुंद-2 पेसाव, पथरी, पेसाव से खून आना।
  • मलद्वार सम्बन्धी रोग:- बाबसीर, खून आना, जलन होना, दर्द होना, खुजली, मस्सा।
  • ऑख, कान, नाक, गला सम्वन्धी रोग – ऑख आना, दृष्टि कम होना, कान बहना, कम सुंनना, दर्द होना, साइनोसाइटिस, सर्दी, टॉनसिलाइटिस, गले मे खरास, दॉत मे दर्द, अल्सर।
  • त्वचा सम्वन्धी रोग – सफेद दाग, दिनाय, बाल गिरना, सफेद होना, घाव होना, एक्जिमा, जुलपिट्टी।
  • नस एवं नाड़ी सम्बन्धी रोग – साइटिका, सुन्नापन, झिनझिनी, चिंटी रेंगने जैसी अनुभुति, लकवा।
  • जोंड़ो का दर्द – गठिया, आर्थराईटिस, जोंड़ो का सूजन, कमर तथा रीढ़ की हड्डी का दर्द, हड्डी का टुट जाना।
  • स्त्रियों तथा पुरुषों मे होने वाली गुप्त रोग।
  • स्त्रि:- स्वेतप्रदर, खुजली , अनीक्षा, बाझपन, मासिक सम्बंन्धि बिमारी, इत्यादि।
  • पुरुष:- स्वप्नदोष, सिघ्रपतन, शुक्राणु की कमी, शिथिलिता. काम वासना मे कमी।
  • विभिन्न प्रकर के दर्द, हाथ पैर मे जलन, अपच, बदहजमी, निंद ना आना, सुगर, उच्च रक्तचाप, नाटापन।
  • अरुचि, पिलीया, बुखार, कमजोरी, कालाजार, मलेरिया, अकारन कमजोर होना इत्यादि।

                                                    बिमारीओं के लिये सम्पर्क करें।

क्लिनीक स्थल:- ट्रेनिग स्कूल महेन्द्रू के सामने वाले गली यानी मुहम्मदपुर लेन मे गैातम वुद्ध स्कूल के सामने।
विषेश मिलने पर।

लेखकः डॉ अमर नाथ साहु

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