Meeting

मिटिंग

यह एक संगठन का गुणात्मक पहलू होता है जिसके सहारे ही हम गतिमान रहते है। इसके क्रियांवन की एक रुपरेखा बनायी गयी है जिसको बिचार मंच पर रखा जायेगा और इसको जब सबकी सहमती मिल जायेगी तो  यह कार्यरुप बनकर आपके सामने आ जायेगा।

  इसकी निरंतरता बनाये रखने के लिए समय – समय आप सभी लोगो को सुचित किया जाता रहेगा। जिससे आपके सहयोग की निरंतरता भी बनी रहेगी।

तथ्यगत बातें

  • तय किये व्यवस्था के अनुरुप दो साल पर चुनाव की प्रकृ्या को होना है जिसकेसंपादन के लिए एक अधिकृत मिटिग किया जायेगा। जिसमे सभी लोगो को उपस्थित रहना जरुरी है।
  • मिंटिग मे तय किये जाने के लिए आप अपने बिचार को लिखित या मौखिक या दोनो तरह से रख सकते है। बिावाद की स्थिति से निपटने के लिए बैज्ञानिक पहलु का सहारा लिया जायेगा सम्बन्धित बिचार को प्रमाणिकता के लिए आपके द्वारा पेश किये गये प्रमाण पर बिचार किया जायेगा।
  • बिचार को प्रमुखता के आधार पर तथा उपलब्ध संसाधन और कार्य क्षमता के मद्धेनजर निर्णय लिया जायेगा।
  • किसी व्यक्ति विशेष के कार्य को संस्था पर चिंतन के लिए नही रखा जाना चाहिए।
  • संस्था हमें संगठन के लिए जबावदेह होते हुए अपने निर्णय लेगी जिससे कि सबका कल्याण हो।

लेखक एवं प्रेषकः- अमर नाथ साहु